Mahakumbh mai karodo log aaye hi Nae: प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किए गए इंतजामों की पूरी दुनिया में सराहना हो रही है। महाकुंभ में पहुंचे साधु-संत और श्रद्धालु इन इंतजामों को देखकर गदगद हैं। अब तक देश-विदेश से 7 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं।
महाकुंभ और विरोध का इकोसिस्टम
हमारे देश में एक ऐसा इकोसिस्टम है जिसने सनातन के गौरव से जुड़ी हर बात का विरोध करने का ठाना हुआ है। महाकुंभ के जरिए भारत की सनातन शक्ति का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है, लेकिन यह इकोसिस्टम इसे हजम नहीं कर पा रहा है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव महाकुंभ पहुंचकर आस्था की डुबकी लगा रहे श्रद्धालुओं के आंकड़े को फर्जी बताकर योगी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं।
कबूतर वाले बाबा की अनोखी कहानी
महाकुंभ में आए अनोखे बाबाओं में सबसे पहले कबूतर बाबा से मिलते हैं। ये पिछले 9 सालों से अपने सिर पर कबूतर लेकर घूम रहे हैं। बाबा की जटाएं कबूतर का घर बन चुकी हैं। बाबा कहते हैं कि वो इस कबूतर को अपने बच्चे की तरह पालते हैं और अब तक तीन कुंभ में उसे स्नान भी करवा चुके हैं।
कबूतर बाबा का असली नाम राजपुरी जी महाराज है और इन्होंने अपने कबूतर का नाम हरिपुरी रखा है। हरिपुरी नाम का यह कबूतर भोजन के तौर पर सिर्फ काजू, बादाम और पिस्ता खाता है।
कांटे वाले बाबा की साधना
महाकुंभ में कांटे वाले बाबा भी विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। इन्हें कांटे पर हठयोग करते देखा जा सकता है। कांटा ही इनका बिछौना है और वही चादर। इस कड़ाके की ठंड में संगम के किनारे कांटों की सेज पर लेटे इन साधु का नाम रमेश कुमार मांजी उर्फ कांटे वाले बाबा है। बाबा का कहना है कि वह 40 साल से ज्यादा समय से इसी तरह कांटे की शैया पर साधना कर रहे हैं।
रुद्राक्ष वाले बाबा की अनोखी दिनचर्या
रुद्राक्ष वाले बाबा, जिनका असली नाम विजयपुरी है, मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने अपने शरीर को रुद्राक्ष की मालाओं से ढक रखा है। बाबा का दावा है कि उन्होंने अपने मुकुट और शरीर पर कुल सवा लाख रुद्राक्ष धारण किए हैं जिनका वजन करीब 35 किलो है।
रुद्राक्ष वाले बाबा की दिनचर्या कठिन होती है। वह सुबह चार बजे उठते हैं और आरती-पूजा करते हैं। इसके बाद समाज सेवा और गाय सेवा में समय बिताते हैं।
महाकुंभ की भव्यता
महाकुंभ अपनी भव्यता के लिए पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोर रहा है। यहां इतनी भीड़ है कि पैर रखने तक की जगह नहीं है। संगम में स्नान करने का कोई समय नहीं है, दिन-रात लोग यहां पहुंच रहे हैं और आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।
योगी सरकार के अनुमान के मुताबिक, 8 से 10 करोड़ भक्त यहां पहुंच सकते हैं। त्रिवेणी के संगम पर 10 लाख से ज्यादा लोग कल्पवास कर रहे हैं।
राजनीतिक विवाद और आंकड़ों का खेल
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुंभ के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ को लेकर सरकार के हर आंकड़े फर्जी हैं। इस पर बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा कि अखिलेश इसलिए दुखी हैं क्योंकि पीडीए के लोगों ने कुंभ में डुबकी लगाई है।
आईआईटी वाले बाबा की कहानी
महाकुंभ में आईआईटी वाले बाबा खूब वायरल हो रहे हैं। इनका असली नाम अभय सिंह है और ये आईआईटी मुंबई से पढ़े हुए हैं। अभय सिंह का आईआईटी मुंबई से साधु बनने तक का सफर अनोखा है। वह कनाडा में लाखों के पैकेज पर काम कर चुके हैं, लेकिन अब एक साधु के रूप में जीवन बिता रहे हैं।
अभय सिंह के माता-पिता ने उन्हें खोजने के लिए महाकुंभ का रुख किया। अब वह महाकुंभ मेले में ओझल हो गए हैं।
निष्कर्ष: Mahakumbh mai karodo log aaye hi Nae
महाकुंभ 2025 एक ऐसा आयोजन है जिसने भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की दिव्यता और भव्यता को पूरी दुनिया के सामने प्रदर्शित किया है। जहां एक तरफ साधु-संतों की अनोखी कहानियां लोगों को आकर्षित कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक विवाद भी इस आयोजन का हिस्सा बन गए हैं।
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