ITR Filing: बिलेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए सिर्फ 2 दिन बचे हैं, अगर चूके तो आपको भारी नुकसान होगा।

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ITR Filing: आयकर विभाग ने विलंबित या संशोधित रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि, जो पहले 31 दिसंबर 2024 थी, बढ़ाकर 15 जनवरी 2025 कर दी है। जो करदाता अब तक अपना रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए हैं, उनके पास अब केवल 2 दिन शेष हैं।

Belated Revised Return ITR Filing Extended Deadline

अब विलंबित और संशोधित रिटर्न दाखिल करने के लिए केवल 5 दिन शेष हैं। जिन करदाताओं ने अब तक अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उन्हें यह महत्वपूर्ण कार्य जल्द से जल्द पूरा कर लेना चाहिए। आयकर विभाग ने वर्ष के अंतिम दिन एक सर्कुलर जारी कर वित्तीय वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए विलंबित और संशोधित रिटर्न की समय सीमा 15 जनवरी 2025 तक बढ़ा दी है। इससे पहले, विलंबित रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 थी।

विलंबित रिटर्न क्या है?

विलंबित रिटर्न वह आयकर रिटर्न है, जिसे आयकर अधिनियम के तहत निर्धारित अंतिम तिथि के बाद दाखिल किया जाता है। यह प्रावधान उन करदाताओं के लिए है जो निर्धारित समय सीमा के भीतर अपना रिटर्न दाखिल करने में असमर्थ रहते हैं। विलंबित रिटर्न को आयकर अधिनियम की धारा 139(4) के तहत दाखिल किया जाता है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की मूल अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 थी। जो करदाता इस तिथि तक रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए, वे विलंबित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। धारा 139(4) के अनुसार, यह प्रावधान करदाताओं को मूल समय सीमा के बाद एक निश्चित अवधि के भीतर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति देता है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए विलंबित रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि अब बढ़ाकर 15 जनवरी 2025 कर दी गई है, जिससे करदाताओं को अपने दायित्व पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है।

Revised रिटर्न: किसके लिए?

Revised रिटर्न उन करदाताओं के लिए है, जिन्होंने अपने पहले से भरे हुए आयकर रिटर्न (ITR) में कोई गलती या चूक की हो। यह विकल्प आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139(5) के तहत उपलब्ध है, जो करदाताओं को अपने रिटर्न में सुधार करके पुनः दाखिल करने की अनुमति देता है।

आयकर विभाग द्वारा मंगलवार को जारी एक सर्कुलर के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए संशोधित रिटर्न अब 15 जनवरी 2025 तक दाखिल किया जा सकता है, जो पहले 31 दिसंबर 2024 थी।

विलंबित रिटर्न कैसे दाखिल करें?

विलंबित रिटर्न दाखिल करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं
    सबसे पहले आयकर विभाग की आधिकारिक ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं।
  2. पैन की मदद से लॉगिन करें
    अपना पैन नंबर डालकर खाते में लॉगिन करें।
  3. आकलन वर्ष और आईटीआर फॉर्म चुनें
    आकलन वर्ष 2024-25 और अपनी आय के अनुसार सही आईटीआर फॉर्म का चयन करें।
  4. आवश्यक जानकारी भरें
    फॉर्म में मांगी गई सभी वित्तीय और व्यक्तिगत जानकारी को सही-सही भरें।
  5. कर का भुगतान करें
    यदि कोई बकाया कर है, तो उसका भुगतान करें।
  6. रिटर्न को सत्यापित करें और जमा करें
    रिटर्न को आधार ओटीपी, नेट बैंकिंग, या फिजिकल वेरिफिकेशन के माध्यम से सत्यापित करें।
    अंत में, अपना रिटर्न जमा करें।
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इन चरणों का पालन करके आप आसानी से अपना विलंबित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

विलंबित रिटर्न दाखिल करने पर कितना जुर्माना देना होगा?

यदि कोई व्यक्ति धारा 139(1) के तहत निर्धारित समय सीमा के भीतर या धारा 142(1) के तहत जारी नोटिस में दी गई समय सीमा के भीतर अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करता है, तो वह संबंधित वित्तीय वर्ष के लिए रिटर्न दाखिल कर सकता है। यह रिटर्न संबंधित आकलन वर्ष की समाप्ति से तीन महीने पहले या आकलन वर्ष की समाप्ति तक, जो भी पहले हो, दाखिल किया जा सकता है।

हालांकि, धारा 234F के तहत विलंबित रिटर्न दाखिल करने पर जुर्माना देना पड़ सकता है। यदि रिटर्न धारा 139(1) के तहत निर्धारित अंतिम तिथि के बाद दाखिल किया जाता है, तो धारा 234F के तहत 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। लेकिन, यदि व्यक्ति की कुल आय 5 लाख रुपये से कम है, तो विलंब शुल्क घटकर 1,000 रुपये रह जाएगा।

विलंबित रिटर्न दाखिल करना क्यों आवश्यक है?

हालांकि विलंबित रिटर्न दाखिल करने में कुछ असुविधाएं हो सकती हैं, लेकिन यह बिल्कुल भी रिटर्न न दाखिल करने से कहीं बेहतर है। इसके कई कारण हैं:

  1. कानूनी जिम्मेदारी:
    रिटर्न दाखिल करना एक कानूनी अनिवार्यता है। यदि आप इसे दाखिल नहीं करते, तो आपको कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  2. जुर्माने से बचाव:
    जो लोग रिटर्न दाखिल नहीं करते, उन्हें आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
  3. वित्तीय दस्तावेज:
    ITR कई वित्तीय लेन-देन जैसे वीज़ा आवेदन और ऋण स्वीकृति के लिए महत्वपूर्ण है।
  4. मानसिक शांति:
    कर कानूनों का पालन करने से आपको भविष्य में समस्याओं से बचने और मानसिक शांति मिलती है।

जुर्माना और बचाव

यदि आप निर्धारित समय सीमा के बाद रिटर्न दाखिल करते हैं, तो आपको 5,000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है। हालांकि, यदि आपकी कुल आय 5 लाख रुपये से कम है, तो यह जुर्माना 1,000 रुपये तक सीमित रहेगा।

इसलिए, विलंबित रिटर्न दाखिल करना न केवल कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि आपके वित्तीय भविष्य के लिए भी फायदेमंद है।

विलंबित रिटर्न दाखिल करने से चूकने पर भारी नुकसान

यदि आपकी सभी स्रोतों से वार्षिक आय 5 लाख रुपये से अधिक है और आप आकलन वर्ष 2024-25 के लिए 15 जनवरी 2025 की अंतिम तिथि तक अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने में असफल रहते हैं, तो आपको 10,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।

इसलिए, समय पर या कम से कम विलंबित रिटर्न की समय सीमा तक रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है, ताकि इस तरह के वित्तीय नुकसान से बचा जा सके।

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