E Kshatipurti Portal Haryana: किसान की सबसे बड़ी पूंजी उसकी फसल होती है। लेकिन जब प्रकृति अपना कहर बरसाती है, तो मेहनत के महीनों पर पानी फिर जाता है। खासकर ओलावृष्टि (hailstorm) जैसी आपदाएं किसानों के लिए किसी “काले बादल” की तरह होती हैं।
लेकिन चिंता की बात नहीं है! हरियाणा सरकार ने किसानों के दर्द को समझते हुए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल (E Kshatipurti Portal) शुरू किया है, जहां आप अपनी खराब हुई फसल के लिए मुआवजा (compensation) का दावा कर सकते हैं।
तो अब ओले गिरने के बाद “भगवान भरोसे” रहने की जरूरत नहीं है। सरकार है न! 😊
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल (E Kshatipurti Portal Haryana) क्या है?
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल हरियाणा (E Kshatipurti Portal Haryana) सरकार द्वारा शुरू की गई एक ऑनलाइन सेवा है, जहां किसान अपनी ओलावृष्टि, बाढ़, सूखा, या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से खराब हुई फसलों के लिए मुआवजे का दावा कर सकते हैं।
💡 यह पोर्टल किसानों को पारदर्शी और आसान प्रक्रिया के जरिए मुआवजा प्रदान करने का माध्यम है।
💡 अब न तो किसी अधिकारी के पीछे भागने की जरूरत और न ही लंबी कतारों में खड़े होने की। बस घर बैठे ऑनलाइन आवेदन करें।

मुआवजा के लिए पात्रता:
अगर आप सोच रहे हैं कि “क्या मैं इसके लिए आवेदन कर सकता हूं?” तो नीचे दिए गए बिंदुओं को ध्यान से पढ़ें:
- हरियाणा का निवासी होना जरूरी है।
- आपके पास फसल की खेती का वैध प्रमाण (जैसे कि जमीन के कागजात या पटवारी रिपोर्ट) होना चाहिए।
- फसल ओलावृष्टि या अन्य आपदाओं से प्रभावित होनी चाहिए।
- आधार कार्ड और बैंक खाता अनिवार्य है।
आवेदन कैसे करें?
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन करना बेहद आसान है। नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें:
1. पोर्टल पर जाएं:
- सबसे पहले www.ekshatipurti.haryana.gov.in पर लॉग इन करें।
2. रजिस्ट्रेशन करें:
- अपना नाम, मोबाइल नंबर, और आधार कार्ड की जानकारी देकर रजिस्ट्रेशन करें।
3. फॉर्म भरें:
- फसल की जानकारी (कौन सी फसल खराब हुई), खेत का विवरण, और आपदा का प्रकार (जैसे ओलावृष्टि) भरें।
4. दस्तावेज़ अपलोड करें:
- पटवारी रिपोर्ट, आधार कार्ड, और बैंक खाते की जानकारी अपलोड करें।
5. सबमिट करें और रसीद प्राप्त करें:
- आवेदन जमा करने के बाद रसीद का प्रिंट आउट लें।
मुआवजा की राशि कैसे तय होती है?
मुआवजा की राशि आपकी फसल और प्रभावित क्षेत्र पर निर्भर करती है।
✅ सरकार द्वारा एक विशेष टीम फसल के नुकसान का आकलन करती है।
✅ पटवारी और तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा दिया जाता है।
“तो जितना नुकसान, उतना मुआवजा!”
एक मजेदार किस्सा:
पिछले साल, जींद के रामपाल ने अपनी सरसों की फसल में ओलावृष्टि का नुकसान झेला। जब उसने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन किया और मुआवजा मिला, तो गांव में लोग कहने लगे, “रामपाल अब सरकारी ओले भी अपने फायदे में बदल लेता है!” 😂
योजना के फायदे:
- आसान और पारदर्शी प्रक्रिया:
- आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है।
- समय पर मुआवजा:
- फसल के नुकसान का आकलन होते ही मुआवजा सीधे बैंक खाते में भेजा जाता है।
- पारदर्शिता:
- किसी बिचौलिए या रिश्वतखोरी का झंझट नहीं।
- सरकार की मदद:
- इस योजना से किसानों को आर्थिक राहत मिलती है, जिससे वे अगली फसल की तैयारी कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण तिथियां:
💡 आवेदन शुरू होने की तिथि: 1 जनवरी 2025
💡 आवेदन की अंतिम तिथि: 1 फरवरी 2025
“तो जल्दी करें! कहीं ओले तो नहीं गिर रहे?”
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):
- क्या सभी फसलें इस योजना के अंतर्गत आती हैं?
- हां, लगभग सभी प्रकार की फसलें इस योजना के तहत कवर होती हैं।
- मुआवजा कितने समय में मिलता है?
- आवेदन के 30-45 दिनों के भीतर मुआवजा सीधे बैंक खाते में जमा हो जाता है।
- अगर फॉर्म भरने में समस्या हो तो क्या करें?
- नजदीकी पंचायत कार्यालय या CSC केंद्र में संपर्क करें।
निष्कर्ष:
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल हरियाणा (E Kshatipurti Portal Haryana) किसानों के लिए एक राहत की तरह है, जो प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान को भरने का काम करता है। अगर आप भी ओलावृष्टि या अन्य आपदाओं के कारण परेशान हैं, तो इस पोर्टल पर आवेदन करें और मुआवजा प्राप्त करें।
“तो देर किस बात की? ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर जाएं और अपनी मेहनत का हक पाएं!” 🌾✨
DISCLAIMER
We strive to provide accurate, verified, and reliable information on "Sarkari News TV" by sourcing details from credible and renowned media houses. However, we advise users to cross-verify the information before relying on it. For feedback, suggestions, or complaints, feel free to reach us at support@sarkarinewstv.com.