होली के त्योहार पर मीठी गुजिया और रंगों की मस्ती का मजा तो हर कोई लेता है, लेकिन अगर इस मीठे स्वाद के साथ कांजी का खट्टा-तीखा स्वाद जुड़ जाए तो त्योहार का आनंद दोगुना हो जाता है। कांजी एक पारंपरिक भारतीय प्रोबायोटिक ड्रिंक है, जो न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन होती है बल्कि पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद होती है। इस लेख में हम आपको कांजी बनाने की आसान रेसिपी और इससे जुड़े फायदे बताएंगे, जिससे आपकी होली और भी यादगार बन जाएगी।
कांजी क्यों है होली स्पेशल?
- यह पाचन को सुधारने में मदद करती है।
- गुजिया और अन्य होली स्नैक्स के साथ यह स्वाद को बैलेंस करती है।
- इसमें मौजूद किण्वित तत्व सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
- इसे आसानी से घर पर तैयार किया जा सकता है और यह 2-3 दिनों तक अच्छी बनी रहती है।
1. कांजी बनाने की आसान विधि
कांजी बनाने के लिए जरूरी सामग्री
- 2 लीटर पानी
- 2 चम्मच राई (सरसों) पाउडर
- 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- ½ चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 चम्मच नमक
- 1 चम्मच काला नमक
- 1 चम्मच भुना हुआ जीरा पाउडर
- 2 चम्मच सरसों का तेल
- 2 मध्यम आकार के गाजर (पतले स्लाइस में कटे हुए)
- 1 चुकंदर (पतले स्लाइस में कटे हुए)
कैसे बनाएं कांजी?
- एक बड़े बर्तन में 2 लीटर पानी लें।
- इसमें राई पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी, नमक, काला नमक और भुना हुआ जीरा डालें।
- इसमें सरसों का तेल मिलाएं और अच्छे से हिलाएं।
- अब इसमें गाजर और चुकंदर के टुकड़े डालकर अच्छे से मिलाएं।
- इसे 3-4 दिनों तक धूप में रखकर अच्छे से फर्मेंट होने दें।
- जब कांजी का स्वाद खट्टा हो जाए, तो इसे ठंडा करके सर्व करें।
कांजी के फायदे
- यह प्रोबायोटिक ड्रिंक है जो पाचन तंत्र के लिए अच्छी होती है।
- शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करती है।
- इसमें मौजूद विटामिन और मिनरल्स सेहत को सुधारते हैं।
2. कांजी को होली स्नैक्स के साथ कैसे पेयर करें?
गुजिया के साथ कांजी का स्वाद
गुजिया की मिठास और कांजी की खटास का कॉम्बिनेशन परफेक्ट होता है। यह स्वाद के बैलेंस के साथ-साथ पाचन में भी मदद करता है।
पकोड़े और कांजी का कॉम्बिनेशन
अजवाइन वाले गरम-गरम पकोड़े और ठंडी कांजी का स्वाद एक अलग ही मजा देता है।
3. कांजी के अलग-अलग फ्लेवर
चुकंदर कांजी
चुकंदर कांजी का रंग लाल होता है और यह आयरन से भरपूर होती है।
मूली कांजी
अगर आप थोड़े तीखे स्वाद के शौकीन हैं, तो मूली वाली कांजी ट्राई कर सकते हैं।
सौंफ और जीरा फ्लेवर कांजी
इसमें भुनी हुई सौंफ और जीरा डालने से इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।
4. होली पर कांजी पीने के फायदे
पाचन सुधारती है
त्योहारों में तला-भुना खाने से पाचन तंत्र बिगड़ सकता है। कांजी इसे सही बनाए रखने में मदद करती है।
इम्यूनिटी बढ़ाती है
कांजी में मौजूद फर्मेंटेड तत्व इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं।
स्किन और डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करती है
यह शरीर से टॉक्सिन्स निकालने में सहायक होती है।
5. पारंपरिक कांजी और मॉडर्न ट्विस्ट
स्प्राउट्स के साथ कांजी
अगर आप इसे और हेल्दी बनाना चाहते हैं, तो इसमें स्प्राउट्स डालकर पी सकते हैं।
सोडा और मिंट के साथ कांजी
गर्मी के दिनों में कांजी को ठंडा करके उसमें पुदीना और थोड़ा सा सोडा डालकर पी सकते हैं।
6. व्यक्तिगत अनुभव
मेरे घर में होली पर कांजी बनाना एक परंपरा है। मेरी दादी हमेशा गुजिया के साथ कांजी बनाती थीं और अब यह हमारी होली का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। कांजी का खट्टा-मीठा स्वाद त्योहार की मिठास को बैलेंस करता है और सेहतमंद भी होता है।
7. अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1: क्या कांजी को पहले से बनाया जा सकता है?
A: हां, इसे 3-4 दिन पहले तैयार किया जा सकता है ताकि यह अच्छे से फर्मेंट हो जाए।
Q2: कांजी में कौन-कौन से मसाले डालने चाहिए?
A: इसमें राई, लाल मिर्च, हल्दी, नमक, काला नमक और भुना जीरा डाला जाता है।
Q3: कांजी को कितने दिनों तक स्टोर किया जा सकता है?
A: इसे 5-7 दिनों तक फ्रिज में रखा जा सकता है।
Q4: क्या कांजी हेल्दी होती है?
A: हां, यह प्रोबायोटिक ड्रिंक है जो पाचन को सुधारती है और इम्यूनिटी बढ़ाती है।
निष्कर्ष
अगर आप इस होली पर कुछ नया और हेल्दी ट्राई करना चाहते हैं, तो पारंपरिक कांजी जरूर बनाएं। यह न सिर्फ स्वादिष्ट है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है। गुजिया और अन्य होली स्नैक्स के साथ कांजी का आनंद लें और त्योहार को और भी खास बनाएं।
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